नेटवर्क मार्केटिंग या फिर मल्टी लेवल मार्केटिंग भारत में शुरुआत करीबन 1960 और 1970 में हुई थी। यह मार्केटिंग स्कीम शुरुआत में सिर्फ छोटे सेविंग स्कीम्स ऑफर करती थी बड़े रिटर्न्स के साथ जैसे कि चिट फंड्स। इसके अलावा बाकी स्कीम अपने मेंबर्स को स्टेनलेस स्टील, जेवेलरी इत्यादि ऑफर करती थी और लोगों को एनरोल करवाने पर। मगर इन स्कीम के आने के कुछ ही महीनों में यह स्कीम काफी बुरी तरह से फेल हो गयी। साथ ही साथ उस समय पर भारतियों के पास इतना पैसा भी नहीं होता था कि वह इन स्कीमों में इन्वेस्ट करें।
नेटवर्क मार्केटिंग का कांसेप्ट भारत में तो नया है मगर दुनिया में काफी पुराना है। नेटवर्क मार्केटिंग का कांसेप्ट सबसे पहले एवोन के नाम की एक कंपनी ने शुरू किया था जो 1886 में न्यूयॉर्क में बनी थी और जो महिलाओं के लिए फ्रेगरेंस और ब्यूटी प्रोडक्ट्स बेचती थी।
आज की तारीख में भी काफी लोग नेटवर्क मार्केटिंग के आईडिया से काफी डरते हैं मगर वह इसके पीछे की असली ओपोरचुनिटी और मुनाफे को देख नहीं पाते हैं।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे…
नेटवर्क मार्केटिंग के लिए स्किल
नेटवर्क मार्केटिंग की प्रक्रिया
नेटवर्क मार्केटिंग मुआवजा का प्लान
भारतीय नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियाँ
नेटवर्क मार्केटिंग का मतलब
नेटवर्क मार्केटिंग का मतलब बहुत ही सामान्य है। एक प्रोडक्ट की मार्केटिंग प्रमोशन या सेलिंग एक नेटवर्क का माध्यम है। इस केस में यह नेटवर्क लोगों से बनता है। इस नेटवर्क की कोई सीमा नहीं होती, इसमें आपके परिवार का सदस्य, दोस्त, पड़ोसी, काम वाले लोग और कोई भी जुड़ सकते हैं। एक नेटवर्क में जितने ज़्यादा लोग होंगे उतना आपका और कंपनी का मुनाफा होगा।
नेटवर्क मार्केटिंग के प्रोग्राम में बहुत ही कम अपफ्रंट निवेश या इन्वेस्टमेंट होती है जो कि ज़्यादातर प्रोडक्ट को या सैंपल किट को खरीदने में लगती है।
नेटवर्क मार्केटिंग में दो चीज़ें होती है, पहली प्रोडक्ट की सेल्स और दूसरी और नए सेल्स रिप्रेण्टेटिव को रिक्रूट करना। यहीं से हमें एक पिरामिड स्कीम और नेटवर्क मार्केटिंग स्कीम के बीच में अंतर पता चल सकता है जो नेटवर्क ज़्यादा फोकस सेल्स रिप्रेण्टेटिव की रिक्रूटमेंट में करें वह एक पिरामिड स्कीम के लिए काफी है।
नेटवर्क मार्केटिंग के लाभ
- यह एक ऐसा बिजनेस है जो पार्ट टाइम भी कर सकते है।
- यह एक ऐसा बिजनेस अवसर है जहां लोग अपनी फुल टाइम जॉब से ज्यादा कमा सकते है।
- नेटवर्क मार्केटिंग स्टूडेंट, हाउसवाइव, रिटायर्ड लोगों और जरूरत वाले लोगों को भी जिंदगी में एक मौका देती है कमाई करने के लिए।
- यह बिजनेस बहुत कम निवेश और कई बार तो 0 निवेश में भी शुरू कर सकते है।
- इस बिजनेस में कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं पड़ती है।
- कोई भी एकेडमिक क्वॉलिफ़िकेशन कोई जरूरत नहीं पड़ती है।
नेटवर्क मार्केटिंग के लिए स्किल
जैसा कि हमने पहले पढ़ा नेटवर्क मार्केटिंग में कोई भी डिग्री या क्वालिफिकेशन की कोई भी जरुरत नहीं पड़ती है। आप किसी भी फील्ड के हो सकते हैं जैसे की मेडिकल इंजीनियरिंग, डिज़ाइन या फिर बिना किसी फील्ड के भी हो सकते हैं।
आज भी काफी लोगों को ऐसा लगता है कि एक अच्छा नेटवर्क मार्केटर बनने के एक सेल्समेन होना बहुत जरुरी होता है, मगर असल में बात कुछ और ही होती है। एक अच्छा नेटवर्क मार्केटर बनने के लिए सेल्स से ज़्यादा कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी होना जरूरी है। अपने प्रोडक्ट से जुड़े अनुभव और कहानियों को शेयर करना आना चाहिए दूसरों लोगों के साथ जिससे वह भी उस प्रोडक्ट की तरफ आकर्षित हो जाएँ।
नेटवर्क मार्केटिंग की प्रक्रिया
नेटवर्क मार्केटिंग का सिस्टम काफी सरल होता है और इसे समझना भी एक तरह से काफी सरल होता है। एक बार जब आप एक नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी के साथ एनरोल कर लेते हैं तब आप उनके एसोसिएट बन जाते हैं। इसका मतलब यह नहीं होता कि आप उस कंपनी को रिप्रेजेंट कर रहे हैं लेकिन यह जरूर होता है कि आप उस कंपनी के प्रोडक्ट्स को आगे बेच रहे हैं।
इसका मोटा-मोटा मतलब यह होता है कि आप कंपनी से खरीदते हैं और फिर आगे कस्टमर को बेचते हैं। मतलबकि आपका खरीदना और बेचना प्राइस के बीच में जो अंतर होगा वो ही आपका मुनाफा बनेगा।
इसके अलावा और मुनाफा कमाने के लिए आप अपने अलावा और नेटवर्क मार्केटर को रिक्रूट कर सकते हो अपने अंडर कंपनी के लिए और इन पर आपको इन्सेन्टिव्स भी मिलते हैं। इसके अलावा कभी-कभी इन नए रिक्रुट्स से एंट्रेंस फीस भी चार्ज होती है, इस एंट्रेंस फीस में से कुछ हिस्सा उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने उनको रिक्रूट किया था।
नेटवर्क मार्केटिंग की लीगल्टी
आज के समय में भारत में जितनी भी न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स वाली कंपनियाँ हैं वह FSSAI के अंदर आती हैं। FSSAI का फुल फॉर्म (फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया) होता है। इसके साथ ये कंपनियाँ फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के भी अंदर आती हैं।
एमएलएम स्कीम्स जो फाइनेंसियल प्रोडक्ट्स ऑफर करती हैं वह भारत में गैर कानूनी मानी जाती हैं अंडर प्राइज चिट एंड मनी सर्कुलेशन (बैनिंग) एक्ट 1978 के अंतर्गत ऐसा करना कानूनन गलत है।
हमारे देश में GST लागू होने के बाद अब हर एक नेटवर्क मार्केटर के लिए जरूरी है इस नयी टैक्सेशन स्कीम पर स्विच करना।
नेटवर्क मार्केटर कैसे बनें
नेटवर्क मार्केटिंग है तो एक काफी मुनाफे वाला बिज़नेस चाहे वह फुल टाइम हो या फिर पार्ट टाइम हो। मगर इस बिज़नेस का लाभ उठाने के लिए पहले यह पता होना चाहिए कि एक नेटवर्क मार्केटर कैसे बनें, नीचे कुछ स्टेप दिए हुए हैं जो आपकी मदद करेंगे एक अच्छा नेटवर्क मार्केटर बनने में।
Step 1: मार्केट को अच्छे से पढ़ें
किसी भी बिज़नेस में घुसने से पहले सबसे पहला और महत्वपूर्ण स्टेप होता है एक बार मार्केट को अच्छे से जान लें ताकि किसी भी बिज़नेस में आप कदम रखें वो आपको मुनाफा ही दें। ज़्यादातर नेटवर्क मार्केटिंग की कंपनियाँ हेल्थकेयर और ब्यूटी की फील्ड में ही होती हैं।
Step 2: एफोर्डेबिलिटी
एफोर्डेबिलिटी का मतलब होता है जो प्रोडक्ट या सर्विस आप बेचना चाहते हैं वह आपका कंज़्यूमर या फिर ग्राहक आराम से खरीद पाए। जिन भी प्रोडक्ट्स की मार्केट में प्राइस ठीक ठाक होती है उन प्रोडक्ट की सेल्स की चान्सेस हमेशा ज़्यादा होती हैं।
Step 3: नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियाँ ढूंढें
नेटवर्क मार्केटिंग के बिज़नेस में घुसने के लिए एक और महत्वपूर्ण स्टेप होता है और वह है एक अच्छी नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी ढूंढ़ना जिनके साथ आप काम करेंगे। अच्छी के साथ आपको यह भी देखना पड़ेगा कि कंपनी सही हैं या फिर धोकाधड़ी वाली।
Step 4: लक्ष्य को जानें
पहले के स्टेप्स के बाद अगला स्टेप होता है आप अपनी टारगेट ऑडियंस या टारगेट ग्राहकों को जानें। आपकी टारगेट ऑडियंस कोई भी हो सकती है आपके करीबी दोस्तों से लेकर आपके फॅमिली मेंबर्स तक। आपको एक चीज़ का उदाहरण देना होगा कि नेटवर्क मार्केटिंग में वर्ड-ऑफ़-माउथ सबसे शक्तिशाली साधन होता है प्रचार का। तो अगर आपके ग्राहक एक अच्छे नेटवर्क में कनेक्टेड होंगे तो आपके प्रोडक्ट्स की प्रमोशन के अवसर भी बढ़ेंगी।
Step 5: ध्यान से इन्वेस्ट करें
हर एक नेटवर्क मार्केटिंग की कंपनी आपको बताएगी की कैसे उनके साथ आप लाखों या फिर करोड़ों कमा सकते हैं मगर यह आपकी ड्यूटी है कि हर नेटवर्क मार्केटिंग की कंपनी को अच्छे से और ध्यान से स्टडी करना और अपने पैसे सोच समझकर इन्वेस्ट करना।
Step 6: एमएलएम कंपनी को अप्रोच करना
एक नेटवर्क मार्केटिंग या मल्टी लेवल मार्केटिंग की कंपनी को जॉइन करने के काफी तरीके होते हैं, जैसे कि या तो आप सीधे उस कंपनी को अप्रोच कर सकते हैं जिनके साथ आप काम करना चाहते हैं या फिर आप दूसरे नेटवर्क मार्केटर को भी कांटेक्ट कर सकते हैं जो पहले से उस कंपनी को रिप्रेजेंट कर रहे हो।
Step 7: अपने क्रेडेंशियल लें
जैसे ही आपके एक नेटवर्क मार्केटिंग की कंपनी को जॉइन कर लेते हैं वैसे ही आपको उस कंपनी से काम के क्रेडेंशियल ले लेना चाहिए। जैसे कि ब्रोसर, फ्लायर्स, प्रमोशनल मटेरियल और संतुष्ट ग्राहकों के रिमार्क्स।
इसके अलावा आपको और भी महत्वपूर्ण चीज़ों की जरुरत पड़ेगी जैसे कि बिज़नेस कार्ड्स, कॅश रिसीट्स, कोटेशन बुक्स और लेटर हेड्स। यह सब चीज़ें आपको थोड़ा बहुत तो कॉस्ट करेंगी मगर इनसे आपके नेटवर्क मार्केटिंग के बिज़नेस में प्रोफेशनलिज्म आएगा।
Step 8: अवसरों को पहचानें
पहले वाले सारे स्टेप्स की समाप्ति के बाद अगले महत्वपूर्ण स्टेप है जिसकी अपने बिज़नेस के लिए अवसर को ढूँढना है। ओपोरचुनिटी का मतलब होता है आपके टारगेट कस्टमर्स या ग्राहक।
आप नेटवर्क मार्केटिंग के बिज़नेस को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बढ़ा सकते हो। ऑफलाइन प्रचार में पेंफ्लेट्स, डोर टू डोर प्रचार, फॅमिली फंक्शन्स में प्रचार और काफी और तरीके होते हैं। और ऑनलाइन प्रचार में आप फेसबुक, लिंक्डइन, व्हाट्सप्प इत्यादि की मदद से अपना नेटवर्क मार्केटिंग का बिज़नेस बढ़ा सकते हैं।
Step 9: अपने रिप्रेंजेटेटिव की मदद लें
काफी बार देखा गया है कि नेटवर्क मार्केटर अपने डाउनलिंक उन लोगों की ज़्यादा मारा नहीं करते हैं और उनकी सबसे बड़ी गलती होती है। आपको अपना काफी समय इन्वेस्ट करना पड़ेगा अपनी टीम की मदद करने के लिए, इससे आपकी नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस की टीम मजबूत बनेगी। साथ-साथ आपके टीम मेंबर्स का नेटवर्क मार्केटिंग का बिज़नेस भी मजबूत बनेगा।
नेटवर्क मार्केटिंग इन्कम प्लान
किसी भी कंपनी के नेटवर्क मार्केटिंग के बिज़नेस को जॉइन करने से पहले बहुत ही महत्वपूर्ण चीज़ होती है उस कंपनी के मुआवजे के प्लान के बारे में अच्छे से जानना। वैसे तो ऐसे बहुत सारे कंपनसेशन प्लान होते हैं मगर सबसे पॉपुलर कंपनसेशन प्लान जो हैं वह हैं:
जनरेशन प्लान: यह सबसे पुराना और सुरक्शित कंपनसेशन प्लान होता है। ज़्यादातर बड़ी-बड़ी कंपनियाँ जैसे कि एमवे, हेरबालाइफ इत्यादि इस प्लान का इस्तेमाल करती हैं। इस प्लान के हिसाब से पिरामिड के अप्पर के लेवल वाले लोग ज़्यादा कमाते हैं और जैसे-जैसे लेवल नीचे होते जाते हैं वैसे-वैसे लोगों की कमाई कम होती जाती है।
मैट्रिक्स प्लान: यह एमएलएम मार्केटिंग का सबसे पॉपुलर कंपनसेशन प्लान होता है। इस प्लान के हिसाब से जो पिरामिड स्ट्रक्चर बनता है उसकी चौड़ाई और कॉलम फिक्स्ड होते हैं। इस प्लान से आप सिर्फ गिने चुने लोगों को स्पांसर कर सकते हैं। यानि कि अपना रिप्रेजेन्टेटिव बना सकते हैं।
बाइनरी प्लान: इस कंपनसेशन प्लान में आप दो लोगों को रिक्रूट करेंगे और आपके रिक्रूट और दो लोगों को रिक्रूट करेंगे और ऐसे ही धीरे-धीरे एक पिरामिड स्ट्रक्चर बन जाएगा।
नेटवर्क मार्केटिंग में कमाई
नेटवर्क मार्केटिंग के बिज़नेस में आपकी कमाई या मुनाफा आपके नेटवर्क पर निर्भर करता है। जितना बड़ा और मजबूत आपका नेटवर्क होगा उतनी ज़्यादा आपकी कमाई होगी। इस बिज़नेस में कमाई दो तरीकों से आती है एक सामान बेच कर और दूसरी नए रिप्रेजेन्टेटिव को स्पांसर यानि की रिक्रूट करके।
सामान को बेचकर एक नेटवर्कर एंट्री लेवल पर लगभग 10% से 15% तक आराम से कमा सकता/सकती है। यह कमीशन आपके अनुभव के साथ-साथ बढ़ता है।
इसके साथ-साथ एक नेटवर्कर रिक्रूटमेंट के ज़रिये भी पैसे कमा सकता है। इस प्रक्रिया में जितने भी रिक्रुट्स एक नेटवर्कर स्पांसर करता है उतना उसे कमीशन मिलेगा और साथ ही साथ उतना उसका नेटवर्क मजबूत बनेगा।
भारत में नेटवर्क मार्केटिंग की कंपनियाँ
- एमवे – होम, ब्यूटी और हेल्थकेयर प्रोडक्ट
- हर्बालाइफ – ब्यूटी और न्यूटरिशनल सपलीमेंट्स
- फोरेवर लिविंग – बॉडी और हेल्थकेयर प्रोडक्ट
- डीएक्सएन – ट्रेडीशनल प्रोडक्ट और हर्बल ड्रिंक्स
- एवोन – कॉस्मेटिक और ब्यूटी प्रोडक्ट
हमें उम्मीद है इस आर्टिकल से आपको नेटवर्क मार्केटिंग प्लान के बारे में अच्छे से समझ आ गया होगा। अगर आपके मन में इसके अलावा और भी कोई सवाल है तो कमेंट करके हमसे जरूर पूछें।