डॉक्टर कैसे बने? इस सवाल ने आज कल के युवाओं को काफी मुश्किल में डाल दिया है। तो प्रिय पाठकों अगर आप एक अच्छे और सफल डॉक्टर बनना चाहते तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें। हमारे देश में एक डॉक्टर को बहुत ज़्यादा सम्मान दिया जाता है इसलिए अनेक की तादाद में इस देश के युवा स्टूडेंट्स बचपन से ही डॉक्टर बनने की तैयारी शुरू कर देते हैं। मगर डॉक्टर बनने के लिए मेहनत के साथ-साथ दिमाग से भी पढ़ना बहुत जरुरी होता है। चलिये इस आर्टिकल के माध्यम से हम सीखेंगे एक अच्छे डॉक्टर कैसे बनें।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे:
डॉक्टर के कर्तव्यों के बारे में जानें
डॉक्टर कौन बन सकते है
डॉक्टर कैसे बने का जो सवाल है उससे पहले पता होना चाहिए कि डॉक्टर कौन बन सकते है। डॉक्टर वह लोग बन सकते हैं जिनमें मेहनत करने की और पढ़ने की लगन हो। डॉक्टर बनने के लिए आपको अंग्रेजी और विज्ञान में अच्छी पकड़ होनी महत्वपूर्ण है। अगर आपने 10वीं तक विज्ञान न पढ़ी हो तो कोई प्रॉब्लम नहीं है मगर 11वीं और 12वीं में आपके पास स्कूल में विज्ञान वर्ग में होना बहुत जरुरी है।
वैसे तो डॉक्टर काफी प्रकार के होते है लेकिन वो बनाने के लिए जो मुख्य कोर्स होते है वो है:
- एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी)
- बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी)
- बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी)
- बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी)
डॉक्टर बनने के लिए योग्यता
- डॉक्टर बनने के लिए आपके पास 11वीं और 12वीं में पीसीबी (फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी) विषय होने बहुत जरूरी है।
- अंग्रेजी में अच्छी पकड़ हो।
- हर विषय में कम से कम 50-60% अंक होने चाहिए।
- डॉक्टर बनने के लिए कठोर परिश्रम करना काफी जरूरी है।
नीट और एम्स की प्रवेश परीक्षा
जैसे ही आपके 12वीं कक्षा की परीक्षाएँ खत्म हो जाती है, वैसे ही आपके कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए प्रवेश परीक्षाएँ (एंट्रेंस एग्जाम) शुरू हो जाएंगे। इसलिए आपको इन परीक्षाओं की तैयारी अपनी 11वीं और 12वीं कक्षा से ही शुरू करनी पड़ेगी। मेडिकल इंटर्न्स परीक्षा में कम्पटीशन बहुत ज्यादा होता है क्यूंकि लाखों की तादात में स्टूडेंट्स इन परीक्षाओं में बैठते हैं। ये परीक्षाएँ काफी कठिन होती हैं इसलिए आपको इन परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए मदद भी ले सकते हैं, जैसे की:
अ) कोचिंग: काफी मात्रा में स्टूडेंट्स कोचिंग इंस्टीटूट्स और कोचिंग क्लासेज जॉइन करते हैं अपने मेडिकल की एंटरेंस परीक्षा की तैयारी के लिए। विद्यार्थी अपनी कोचिंग क्लासेज ज़्यादातर अपनी 10वीं या फिर 11वीं क्लास से ही शुरू कर देते हैं। इन कोचिंग क्लासेज की जो ट्यूशन फीस होती है वह काफी ज़्यादा होती है। उदाहरण के लिए, आकाश इंस्टिट्यूट पर क्लिक करें, तक्षिला इंस्टिट्यूट पर क्लिक करें।
ब) ऑनलाइन क्लासेज: काफी स्टूडेंट्स कोचिंग क्लासेज की ट्यूशन फीस नहीं कर पाते है। तभी ये विद्यार्थी अलग से पढाई करने के लिए ऑनलाइन क्लासेज की मदद लेते हैं। ऑनलाइन क्लासेज से स्टूडेंट्स घर बैठ कर अपने एंट्रेंस एग्जाम्स के लिए आराम से तैयारी कर सकते है। फीस के लिए ये उदाहरण देखें, अनअकेडमी पर क्लिक करें, अपग्रेड पर क्लिक करें इत्यादि।
प्रवेश परीक्षा के लिए अप्लाई करें
एक बार जब आप 12वीं पास कर जाते हो कम से कम 50% मार्क्स हर विषय के साथ तब आप अपने एंट्रेंस एग्जाम्स के लिए अप्लाई कर सकते हो। इन परीक्षाओं की पढाई के लिए स्टूडेंट्स को अपनी 12वीं के पीसीबी की बुनियादी चीज़ें आनी चाहिए और 12वीं के परीक्षा के बाद पिछले साल के एआईपीएमटी या नीट के पेपर सोल्व करने चाहिए। इससे विद्यार्थियों को एक मोटा-मोटा अंदाज़ा मिल जाएगा उनके मेडिकल प्रवेश परीक्षा के पेपर के फॉर्मेट का।
जानी मानी प्रवेश परीक्षाएँ:
- ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) क्लिक करें
- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) क्लिक करें
- द नेशनल इलिजीबिलिटी कम एंट्रेन्स टेस्ट (नीट) क्लिक करें
- पंजाब मेडिकल एंट्रेन्स टेस्ट (पीएमईटी) क्लिक करें
1) नीट 2019 परीक्षा का पैटर्न
परीक्षा का माध्यम | सिर्फ ऑफलाइन परीक्षाएँ होगी। |
भाषाएँ | अंग्रेजी, हिन्दी, बंगाली, तमिल, तेलुगू, मराठी, गुजराती और असमी |
अंकन योजना | 4 अंक सही जवाब देने पर। |
गलत जवाब पर | 1 अंक काटा जाएगा हर गलत जवाब के लिए। |
क्र॰ संख्या | विषय | प्रश्नों की संख्या | अंक | समय |
1 | फिजिक्स | 45 | 180 | 180 मिनट (3 घंटे) |
2 | केमिस्ट्री | 45 | 180 | |
4 | जूलॉजी | 45 | 180 | |
3 | बॉटनी | 45 | 180 | |
कुल | 180 | 720 |
2) एम्स एमबीबीएस परीक्षा का पैटर्न 2019
एम्स एमएमबीएस एक नेशनल लेवल एंट्रेंस एग्जाम है जो ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस नई दिल्ली आयोजित करवाती है।
प्रश्नों की संख्या | 200 बहुविकल्पी |
परीक्षा का माध्यम | कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) |
अवधि | 3 ½ घंटे |
भाषाएँ | हिन्दी और अंग्रेजी |
अंकन योजना | 1 अंक सही जवाब देने पर। |
गलत जवाब देने पर | ⅓ अंक काटे जाएँगे गलत जवाब देने पर। |
क्र॰ संख्या | विषय | अंक | समय |
1 | फिजिक्स | 180 | (3 ½ घंटे) |
2 | केमिस्ट्री | 180 | |
4 | बायोलॉजी | 180 | |
3 | सामान्य ज्ञान | 180 | |
कुल | 720 |
मेडिकल कॉलेज
जब आप अच्छे अंक के साथ मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम क्लियर कर लेते हो तो उसके बाद आपकी काउंसलिंग होती है और आपके अंक और पसंद के हिसाब से आपको मेडिकल कॉलेज असाइन किये जाते हैं। भारत के टॉप के मेडिकल कॉलेज:
- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) – दिल्ली
- ग्रांट मेडिकल कॉलेज – मुंबई
- मद्रास मेडिकल कॉलेज – चेन्नई
पाएँ पूरी जानकारी भारत के टॉप 10 मेडिकल कॉलेज के बारे में:
एमएमबीएस की जानकारी
भारत में सब से ज़्यादा ली जाने वाली डिग्री एमबीबीएस है। इसका मतलब ज़्यादा से ज़्यादा छात्र मेडिकल एंट्रेंस के बाद एमबीबीएस लेना पसंद करते हैं। इसलिए एमबीबीएस जैसे कोर्स में कम्पटीशन सबसे ज़्यादा होता है।
एमबीबीएस के लिए योग्यता: किसी भी एमबीबीएस के कॉलेज में भर्ती होने के लिए एक छात्र को नीट का एंट्रेंस क्लियर करना बहुत जरुरी होता है। एमबीबीएस के कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए आपकी आयु 17 से 25 साल के बीच में होनी चाहिए।
एमबीबीएस की अवधि: एमबीबीएस का कोर्स 4.5 साल तक का होता है और साथ ही साथ एक साल की इंटर्नशिप मतलब कुल मिलाकर 5.5 साल होते है।
एमबीबीएस की फीस: एमबीबीएस की फीस एक सरकारी कॉलेज और एक प्राइवेट कॉलेज में काफी अलग होती है। एक सरकारी कॉलेज में एडमिशन तो कठिन होता है मगर फीस काफी कम होती है, उसी प्रकार एक प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन तो आसान होगा है मगर उनकी फीस बहुत ज़्यादा होती है। नीचे उदाहरण देखें:
सरकारी कॉलेज
- एम्स की फीस 1,000 रुपए लगभग
- एमबीबीएस, दिल्ली में 4000 से 7000 रुपए
- यूपी और आईपी यूनिवर्सिटी 20000 से 30000 रुपए
प्राइवेट कॉलेज
- फीस 5 से 15 लाख लगभग होती है।
इनटर्नशिप की पूरी जानकारी (12 महीने)
नाम | अवधि (महीने) |
मेडिसिन | 1.5 |
सर्जरी | 1.5 |
रुरल | 3 |
पेडियाट्रिक्स | 1 |
ओबस्टेट्रिक्स और ज्ञानाकोलोजी | 1 |
केज्युल्टी | 1 |
अनेस्थिसियोलॉजी | 15 days |
ऑपथैल्मोलॉजी | 15 days |
इलेक्टिव | 2 |
एडवांस कोर्स एमबीबीएस के बाद
- एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी)
- एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन)
एमबीबीएस के बाद जॉब्स
- हॉस्पिटल
- सेल्फ औनेड क्लीनिक्स
- लेबोरेटरीज़
- बायोमेडिकल कंपनी
- नर्सिंग होम
- मेडिकल कॉलेज
- मेडिकल ट्रस्ट
- हेल्थ सेंटर
- फार्मास्युटिकल और बायोटेक्नोलॉजी कंपनियां
- एनजीओ
- रिसर्च इंस्टीट्यूट
आर्मी में डॉक्टर कैसे बनें
आर्मी में डॉक्टर बनने के लिए या तो आप दुसरे कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद आर्मी जॉइन कर सकते हैं या फिर अपना एमबीबीएस का कोर्स ओएफ़एमसी (आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज) से कर सकते हैं।
चयन प्रक्रिया: आर्मी में रिक्रूटमेंट या तो परमानेंट कमीशन (पीसी) से होता है या शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) से। 50% जो पास आउट्स होते हैं एएफ़एमसी के उनको डायरेक्टली परमानेंट कमीशन मिलती है और बाक़िओं को शॉर्ट सर्विस कमीशन ऑफर होती है। जो डॉक्टर सिविल मेडिकल कॉलेज से आते हैं उनको एंट्री एसएससी में मिलती है। एसएससी का कार्यकाल 5 साल का होता है जो और 9 साल तक के लिए बढ़ सकता है, दो भागों में – पहला 5 साल का और दूसरा 4 साल का। कुल मिलाकर एसएससी का कार्यकाल 14 साल तक का होता है। जो एएफ़एमसी वाले ग्रेजुएट्स होते है जिनको एसएससी ऑफर होता है उनको कम से कम 7 साल के लिए सर्वे करना होता है जो और 7 साल के लिए बढ़ सकता है।
अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
बीडीएस की जानकारी
बैचलर ऑफ़ डेंटल साइंस भी एक ऐसा कोर्स है जो हमारे देश के काफी छात्र पढ़ना पसंद करते हैं। बैचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी या बीडीएस वह स्टूडेंट्स पढ़ना पसंद करते हैं जो डेंटिस्ट बना चाहते हैं या डेंटल फील्ड की तरफ जाना चाहते हैं।
बीडीएस के लिए क्वालिफिकेशन: बीडीएस में एडमिशन लेने के लिए एक छात्र को नीट का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना जरुरी होता है। साथ ही साथ 12वीं पास होना जरूरी है।
बीडीएस की अवधि: बीडीएस कोर्स की अवधि 4 साल होती है और साथ ही एक साल की इंटर्नशिप मतलब कुल 5 साल होते है।
बीडीएस की फीस: बीडीएस के कोर्स की लगभग ट्यूशन फीस किसी भी जानी मानी यूनिवर्सिटी में 50 हजार से 12 लाख तक होती है। मगर यह बात भी दिमाग में रखनी जरुरी है कि सरकारी और प्राइवेट कॉलेज की फीस काफी अलग होती है।
बीडीएस के कॉलेज
- अमृता कॉलेज ऑफ डेंटिस्ट्री, केरल
- मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली
- फ़ैकल्टी ऑफ डेंटल साइंस, किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ
- डेंटल कॉलेज, तिरुवनंतपुरम
- गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड अस्पताल, आंध्र प्रदेश
एडवांस कोर्स बीडीएस के बाद
- एमएससी प्राइमरी डेंटल केयर में
- एमएससी पेडियाट्रिक डेंटिस्ट्री में
- एमएससी रिस्टोरेटिव एंड आर्टिस्टिक डेंटिस्ट्री में
- एमएसडी (मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी)
बीडीएस के बाद जॉब के अवसर
- डेंटल क्लीनिक
- हॉस्पिटल
- इंटरनेशनल वेल्फेयर्स ओर्गनाईजेशन
- इंडियन आर्म्ड फोर्स
- रिसर्च लैब्स
आर्मी में डेंटिस्ट/आर्मी डेंटल कॉर्प
चयन प्रक्रिया: जो योग्य उम्मीदवार होते हैं उनको इंटरव्यू के लिए आर्मी हॉस्पिटल नई दिल्ली बुलाया जाता है बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स एसएससी के लिए सलेक्ट करने के लिए।
योग्यता: बीडीएस में 60% अंक के साथ फ़ाइनल ईयर में एमडीएस किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से करना होता है। एक साल की रोटरी इंटर्नशिप किसी मान्यता प्राप्त डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया से करनी होती है। साथ ही परमानेंट डेंटल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी होना चाहिए।
बीएएमएस की जानकारी
बीएएमएस एक अंडरग्रेजुएट डिग्री होती है जो आयुर्वेदिक मेडिकल कोर्स के लिए मिलती है। यह कोर्स सेंट्रल काउंसिल ऑफ़ इंडियन मेडिसिन से रिकोगनाइज़ होता है। इस कोर्स में आयुर्वेदिक के साथ-साथ आधुनिक दवाइयाँ भी शामिल होती हैं।
बीएएमएस के लिए क्वालिफिकेशन: बीएएमएस के लिए 12वीं में मेडिकल साइंस होना बहुत ही जरुरी होता है। 12वीं में आपके पास केमिस्ट्री बायोलॉजी और फिजिक्स होनी चाहिए और आपको इन विषयों में कम से कम 50% मार्क्स से पास होना जरुरी है। बीएएमएस के कोर्स के लिए आपकी न्यूनतम आयु सीमा 17 साल होनी चाहिए। इस कोर्स के लिए क्वालीफाई करने के लिए भी आपको नीट का एग्जाम देना पड़ेगा।
बीएएमएस की अवधि: बीएएमएस का कोर्स 5.6 साल का होता है जिसमें 1 साल की इंटर्नशिप होती है।
बीएएमएस की फीस: बीएएमएस के कोर्स की ट्यूशन फीस लगभग 3 से 5 लाख तक होती है। ट्यूशन फीस एक सरकारी कॉलेज में प्राइवेट के मुक़ाबले काफी कम होती है।
बीएएमएस के कॉलेज
- इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस (IMS), वाराणसी
- बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, फरीदकोट
- महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नासिक
- राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, बैंगलोर
- जुपिटर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, नागपुर
बीएएमएस के बाद एडवांस कोर्स
1) बीएएमएस के बाद पोस्ट ग्रेज्युएशन और डॉक्टोरल कोर्स :-
- पोस्ट ग्रेज्युएट डिप्लोमा पंचकरमा में
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन अगडतंत्र में
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन आयुर्वेद सिद्धांत और दर्शन में
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन आयुर्वेद – बुनियादी सिद्धांत में
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन आयुर्वेद – कौमारा
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन आयुर्वेद – द्रव्य गुना
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन आयुर्वेद – शल्य
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन आयुर्वेद
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन आयुर्वेद – पंचकर्म
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन स्वस्थ्य वृत
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन द्रव्य गुना
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन रस शास्त्र
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन कौमारबृत्य
- मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन आयुर्वेद फार्मसी
- मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन जेरिएट्रिक केयर मैनेजमेंट
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन कायाचिकित्सा
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन रोग निद्रान
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन रोगनिदान
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन समहितास
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन शरीर क्रिया
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन शरीर रचना
- डॉक्टर ऑफ मेडिसिन इन स्किन एंड वीडी
- मास्टर ऑफ सर्जरी इन आयुर्वेद
- मास्टर ऑफ सर्जरी इन प्रसूतितंत्र एंड स्त्री रोग
- मास्टर ऑफ सर्जरी इन शलक्य तंत्र
- मास्टर ऑफ सर्जरी इन शल्य तंत्र
2) बीएएमएस के बाद डिप्लोमा कोर्स :-
- डिप्लोमा इन आयुर्वेदिक फार्मसी
- डिप्लोमा इन आयुर्वेदिक नर्सिंग एंड फार्मसी
- डिप्लोमा इन आयुर्वेदिक नॉलेज
- डिप्लोमा इन हर्बल मेडिसिन
- डिप्लोमा इन नैचुरोपैथी और योगिक साइंस
- डिप्लोमा इन पंचकर्म
अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
बीएएमएस के बाद जॉब के अवसर
- लेक्चरर
- वैज्ञानिक
- थेरपिस्ट
- कैटेगरी मैनेजर
- बिजनेस डिवलपमेंट ऑफिसर
- सेल्स रीप्रेजेंटेटिव
- प्रॉडक्ट मैनेजर
- फार्मसिस्ट
- जूनियर क्लीनिकल ट्रायल कोऑर्डिनेटर
- मेडिकल रीप्रेजेंटेटिव
- आयुर्वेदिक डॉक्टर
बीएचएमएस की जानकारी
होमियोपैथी भारत की तीसरी सबसे मशहूर मेडिकेशन का सिस्टम है, एलोपैथिक और आयुर्वेदिक सिस्टम के बाद। होमियोपैथिक सिस्टम के हिसाब से हमारी भावनाएं मन और तन आपस में जुड़े होते हैं और एक आदमी की तबीयत तभी ख़राब होती है जब इन तीनों में कुछ ऊपर नीचे हो जाते है।
बीएचएमएस की क्वालिफिकेशन: बीएचएमएस की एलिजिबिलिटी 10+2 की होती है जिसमें कम से कम 50% मार्क्स जरुरी होते हैं फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और इंग्लिश में। इस कोर्स के लिए एडमिशन ज़्यादातर नीट और केईएएम (केरला इंजीनियरिंग आर्किटेक्चर मेडिकल) के एंट्रेंस एग्जाम्स पर निर्भर करते है। बीएचएमएस के कोर्स के लिए न्यूनतम आयु सीमा 17 साल है।
बीएचएमएस की फीस और कॉलेज: बीएचएमएस के कोर्स की ट्यूशन फीस लगभग 2 से 3 लाख के बीच में होती है। मगर एक सरकारी कॉलेज की फीस प्राइवेट की तुलना में कम ही होती है।
कॉलेज का नाम | राज्य | फीस |
भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी | पुणे | Rs. 1,48,000 |
विनायक मिशन यूनिवर्सिटी | सलेम | Rs. 3,00,000 |
महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस | नाशिक | Rs. 30,0000 |
नेहरू होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल | नई दिल्ली | Rs. 3,200 |
बैकसन होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल | ग्रेटर नोयडा | Rs. 2,8,000 |
बीएचएमएस की अवधि: बीएचएमएस का कोर्स किसी भी कॉलेज में 4.5 साल तक का होता है साथ ही साथ एक साल की इंटर्नशिप होती है मतलब कुल मिलाकर पूरा कोर्स 5.5 साल का होता है।
बीएचएमएस के बाद एडवांस कोर्स
- एमएससी साइकियाट्री
- एमएससी एपिडेमोलोजी
- एमडी (एंडोकृनोलोजी)
- मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट
- एमडी होमियोपैथी
बीएचएमएस के बाद जॉब और सैलरी
जॉब प्रोफ़ाइल | वार्षिक वेतन |
डॉक्टर | Rs.10 लाख – Rs.15 लाख |
प्राइवेट प्रेक्टिसनर | Rs. 15 लाख – Rs. 70 लाख |
पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट | Rs. 5 लाख – Rs. 12 लाख |
फार्मसिस्ट | Rs. 2 लाख – Rs. 5 लाख |
डॉक्टर के कर्तव्यों के बारे में जानें
एक डॉक्टर की हम सब की ज़िन्दगियों में काफी बड़ी भूमिका होती है। लोगों की ज़िंदगियाँ डॉक्टर्स के हाथों में होती है तभी इन सभ शक्तियों के साथ एक डॉक्टर की ज़िम्मेदारी भी काफी ज़्यादा होती है. कर्तव्यों के उदाहरण:
- साथ काम करने वाले लोगों के साथ मिलकर मरीजों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना।
- सर्विस की क्वालिटी को सुधारणा।
- टीम वर्क में काम करना और लीडर की क्वालिटी रखना।
- साधनों का कुशल उपयोग।
- दूसरे डॉक्टर्स को सिखाना और उनकी मदद करना।
अगर आपको और कोई बात जाननी हो या कोई सवाल हो तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है, हम पूरी कोशिश करेंगे कि उसका जवाब दें। साथ ही आप अपने ऐसे दोस्तों को यह आर्टिकल जरूर शेयर करें जो डॉक्टर बनना चाहते है।