एसएसबी डिफेंस सेक्टर में उम्मीदवारों की भर्ती का इंटरव्यू प्रोसेस होता है। आर्मी, नेवी, एयरफोर्स का एसएसबी इंटरव्यू काफी हद तक एक जैसा ही होता है लेकिन कुछ चीजें अलग होती है। एसएसबी साक्षात्कार की पूरी प्रक्रिया नीचे बताई गयी है।
इस आर्टिकल में आप एसएसबी इंटरव्यू के बारे में पूरी जानकारी जान पाओगे
एसएसबी इंटरव्यू 2020 की तिथियाँ
एसएसबी इंटरव्यू 2020 की प्रक्रिया
एसएसबी इंटरव्यू क्या है?
इंडियन आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के अफसर लेवल पोस्ट के उम्मीदवारों का चयन करने के लिए सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) रक्षा मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेन्स) द्वारा बनाया गया था। एसएसबी इंडियन आर्म्ड फोर्स के लिए उम्मीदवारों का इंटरव्यू कंडक्ट करता है जिसमें उम्मीदवारों को फिजिकल, मेन्टल और साइकोलॉजिकल एबिलिटी पर आकलन किया जाता है। एसएसबी का काम है उम्मीदवारों का मूल्यांकन करके अच्छे कैंडिडेट्स को रिक्रूट करना।
एसएसबी के सेंटर
इंडियन आर्मी में 3 मुख्य एसएसबी सेंटर है:
- सिलेक्शन सेंटर ईस्ट : इलाहाबाद
- सिलेक्शन सेंटर सेंट्रल: भोपाल
- सिलेक्शन सेंटर साउथ: बैंगलोर
एएफ़एसबी (एयर फोर्स सिलेक्शन बोर्ड) में 4 मुख्य एसएसबी सेंटर है:
- देहरादून
- मैसूर
- गांधी नगर
- वाराणसी
इंडियन नेवी में 3 मुख्य एसएसबी सेंटर है:
- भोपाल
- बैंगलोर
- कोइम्ब्तुर
एसएसबी इंटरव्यू 2020 की तारीखें
हर पोस्ट की एसएसबी एग्जाम डेट्स अलग होती है। एसएसबी के लिए उम्मीदवारों को बैचेस में बुलाया जाता है और हर बैच की अलग तारीख होती है। एसएसबी साक्षात्कार की दिनांक हर पोस्ट के लिखित परीक्षा या शॉर्टलिस्टिंग के बाद ही रिलीज़ की जाती है।
इंडियन आर्मी एसएसबी की तारीखें
एसएसबी परीक्षा 2020 के लिए पात्रता
जो उम्मीदवार पहले राउंड क्लियर करते है रिक्रूटमेंट/भर्ती प्रोसेस का वो एसएसबी इंटरव्यू/एग्जाम के लिए एलिजिबल हो जाते है। इसके अलावा एसएसबी साक्षात्कार देने के लिए मेल/फीमेल कैंडिडेट्स का अविवाहित होना ज़रूरी है।
डिफेंस भर्ती
इंडियन आर्म्ड फोर्स में भर्ती मुख्य 4 स्टेप्स में होती है। एसएसबी साक्षात्कार प्रक्रिया का दूसरा स्टेप है जिसमें 5 दिन में इंटरव्यू लिया जाता है।
पहला स्टेप: शॉर्टलिस्टिंग/लिखित परीक्षा
उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा जैसे एनडीए, सीडीएसई, एएफ़सीएटी क्लियर करते है या मेरिट लिस्ट शॉर्टलिस्टिंग से कैंडिडेट्स सेलेक्ट किये जाते है वो एसएसबी इंटरव्यू के लिए जाते है। ये हर पोस्ट के लिए अलग होता है।
दूसरा स्टेप: SSB इंटरव्यू की प्रक्रिया
एसएसबी इंटरव्यू 5 दिन का होता है जिसमें हर दिन अलग-अलग टेस्ट लिये जाते है। सारे टेस्ट को 5 दिन में 2 स्टेज में विभाजित किया जाता है।
स्टेज I : स्क्रीनिंग टेस्ट
स्टेज II: साइकोलॉजिकल टेस्ट, ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर्स टेस्ट (जीटीओ इंटरव्यू), पर्सनल इंटरव्यू, कॉन्फ्रेंस।
तीसरा स्टेप: मेडिकल परीक्षा
5 दिन के इंटरव्यू प्रोसीजर के बाद चयनित उम्मीदवारों को मेडिकल परीक्षा के लिए भेजा जाता है।
चौथा स्टेप: ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट की शॉर्टलिस्टिंग
जो कैंडिडेट्स मेडिकल एग्जाम क्लियर करते है उनकी फिर मेरिट लिस्ट निकाली जाती है फिर जो कैंडिडेट्स ऑफर एक्सेप्ट करते है वो डिफेन्स फोर्से जॉइन करते है एक अफसर के रूप में।
एसएसबी इंटरव्यू की प्रक्रिया 2020
एसएसबी इंटरव्यू की प्रक्रिया 5 दिन तक चलती है।
रिपोर्टिंग
चयनित उम्मीदवारों को अपने नामांकित एसएसबी साक्षात्कार सेंटर पर रिपोर्टिंग करनी होती है। एसएसबी सेंटर के लिए आप खुद से जा सकते है या नजदीकी रेलवे स्टेशन पर आर्म्ड फोर्स के रिप्रेजेंटेटिव के साथ जा सकते है।
उम्मीदवारों को अपनी एसएसबी साक्षात्कार दिनांक और समय पर रिपोर्ट करना ज़रूरी है। जो रिपोर्टिंग के लिए देरी कर देते है उनको डिसक्वालिफाई कर दिया जाता है। रिपोर्टिंग के लिए कॉल लेटर और एडमिट कार्ड और बाकि डाक्यूमेंट्स लेना जाना ज़रूरी होता है जो बोर्ड ऑफिसर को सबमिट करना होता है। रिपोर्टिंग के दिन पर ही सारे डाक्यूमेंट्स वेरीफाई होते है और वेरिफिकेशन के बाद उम्मीदवारों को चेस्ट नंबर अलोट किया जाता है।
पहला स्टेज
पहला दिन: स्क्रीनिंग टेस्ट
पहले दिन की सुबह जल्दी शुरू हो जाता है। सामान्यतः 5-6 बजे दिन शुरू हो जाता है एसएसबी इंटरव्यू की प्रक्रिया में।
यह सबसे पहले टेस्ट होता है एसएसबी साक्षात्कार प्रक्रिया का। इस टेस्ट में उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग होती है। स्क्रीनिंग टेस्ट के अंदर 2 तरह के टेस्ट होते है:
इंटेलिजेंस टेस्ट
इंटेलिजेंस टेस्ट में सिंपल लॉजिक और एप्टीटुड स्किल्स टेस्ट की जाती है। इसमें 40-50 लॉजिकल रीजनिंग एंड डाटा इंटरप्रिटेशन के एमएसक्यू सवाल-जवाब करने होते है। 15-20 मिनट के समय में। कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है। ये समय हर पोस्ट के एसएसबी के लिए अलग होता है। इस टेस्ट की परफॉरमेंस के आधार पर उम्मीदवारों को रेटिंग दी जाती है। इसमें उम्मीदवारों की क्विक थिंकिंग और एनालिटिकल थिंकिंग चेक की जाती है।
पिक्चर परसेप्शन एंड डिस्कशन टेस्ट (पीपीडीटी)
छवि का स्रोत: क़्वोरा
इस टेस्ट में कैंडिडेट्स को व्यक्तिगत तौर पर एक ब्लैक एंड वाइट ब्लूरी फोटो 30 सेकण्ड के लिए दिखाई जाती है। उसके बाद हर उम्मीदवार को एक वाइट शीट दी जाती है जिसमें स्टोरी का टाइटल लिखना होता है। उसके बाद एक छोटा बॉक्स होता है जिसमें कुछ डिटेल्स लिखनी होती है पिक्चर से रिलेटेड जैसे कैरेक्टर का मूड क्या है, जेंडर, आयु और कैरेक्टर की पोजीशन मार्क करके बतानी होती है दी जाने वाली फोटो के अनुसार।
इन सब के बाद 3 मिनट दिए जाते है दिखाई गयी फोटो पर एक स्टोरी लिखने के लिए। इस राउंड को पास करने के लिए उम्मीदवार स्टोरी के लिए परसेप्शन सही होना चाहिए। बोर्ड ऑफिसर्स इसमें कैंडिडेट्स को पॉजिटिव ऐटिटूड पर ही जज करते कि कैंडिडेट्स का चीजों को देखने का तरीका सही होना चाहिए। मतलब कि चीजों को पॉज़िटिव वे में देखने का ऐटिटूड होना चाहिए। इसके बाद उम्मीदवारों को सब ग्रुप्स में डिवाइड कर दिया जाता है जिसमें 14-15 उम्मीदवार होते है एक ग्रुप में।
व्यक्तिगत रूप से स्टोरी लिखने के बाद दिखाई गयी पिक्चर पर ग्रुप डिस्कशन टेस्ट होता है। ग्रुप डिस्कशन में उम्मीदवारों की अभिव्यक्ति की शक्ति (पावर ऑफ़ एक्सप्रेशन), लैंग्वेज की क्लैरिटी (लॉजिकल और ग्रैमेटिकल), कॉन्फिडेंस पार्टिसिपेशन और दूसरे के आइडियाज को एक्सेप्ट करने की क्षमता टेस्ट होती है। पूरे टेस्ट के दौरान उम्मीदवारों की बॉडी लैंग्वेज और रवैया (ऐटिटूड) पर रिजल्ट निर्भर करता है। इसलिए उम्मीदवारों को अटेंटिव और कॉन्फिडेंस होना ज़रूरी है इस प्रोसेस में।
स्क्रीनिंग का परिणाम
पीपीडीटी की परीक्षा के बाद उम्मीदवारों को लंच और रेस्ट करने का समय दिया जाता है। ब्रेक के बाद स्क्रीनिंग राउंड का परिणाम घोषित किया जाता है। पहले स्टेज के टेस्ट को पास करने के लिए इंटेलिजेंस रेटिंग, इंडिविजुअल स्टोरी कंटेंट, नेरेशन का मेथड, लैंग्वेज पर पकड़ (कमांड) और पूरे टास्क की ओवरऑल परफॉरमेंस का कॉम्बिनेशन होना चाहिए।
इस टेस्ट में उम्मीदवारों की प्रीलिमिनरी स्क्रीनिंग होती है जिसमें जो उम्मीदवार अच्छा परफॉर्म नहीं करते है उन्हें इस इंटरव्यू प्रोसेस से डिसक्वालिफाई कर दिया जाता है और चयनित उम्मीदवारों को नई चेस्ट नंबर अलोट किया जाता है। ये पहले दिन और स्टेज 1 की आखिरी गतिविधि होती है।
दूसरा स्टेज
दूसरा दिन: साइकोलॉजिकल टेस्ट
तीसरा और चौथा दिन: ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर टेस्ट (जीटीओ इंटरव्यू)
दूसरा और चौथा दिन: पर्सनल इंटरव्यू
पाँचवाँ दिन: कॉन्फ्रेंस
पहले स्टेज को पास करने के बाद चयनित उम्मीदवारों को एसएसबी इंटरव्यू के अगले स्टेप पर पहुंचते है- स्टेज 2। दूसरा स्टेज 2 से 5 तक चलता है। इस स्टेज को देखा जाए तो ये बहुत ही कठिन स्टेज है इस प्रोसेस का। इस स्टेज के टेस्ट में 3 अलग-अलग टेक्निक्स होते है। साइकोलॉजिकल ग्रुप टास्क और पर्सनल इंटरव्यू।
इसमें कैंडिडेट्स को बहुत से पैरामीटर्स जैसे साइकोलॉजिकल, मेन्टल, इमोशनल, फिजिकल कैपेबिलिटीज पर टेस्ट किया जाता है।
दूसरा दिन: साइकोलॉजिकल टेस्ट
इंटरव्यूवर नंबर 1: 3 साइकोलोजीस्ट्स
साइकोलोजीस्टिस कैंडिडेट्स को स्ट्रेस्फुल सिचुएशन देते है जिसमें बहुत कम समय में उनका आंसर दी गयी शीट में लिखना होता है। वो कैंडिडेट्स की पर्सनलिटी को टेस्ट करते है उनके दिए गए उत्तरों पर। इसको टेस्ट ऑफ माइंड भी कहा जाता है। इसमें सोचे समझे जवाब नहीं नेचुरल जवाब होने चाहिए। इसमें समय पर टेस्ट खत्म करना बहुत ज़रूरी है इसलिए अगर कोई कैंडिडेट आंसर को सोचने लगते है तो आंसर लिखने का समय सोचने में निकल जाता है और वो टेस्ट पूरा नहीं कर पाते।
साइकोलॉजिकल टेस्ट में मुख्यत 4 टेस्ट होते है:
1. थीमेटिक अपेर्सेप्शन टेस्ट (टीएटी): इसमें उम्मीदवारों को 12 पिक्चर्स दिखाई जाती है और उनको हर पिक्चर के लिए 4 मिनट में एक स्टोरी लिखनी होती है।
2. वर्ड एसोसिएशन टेस्ट (डबल्यूएटी): इस टेस्ट से साइकोलोजिस्ट उम्मीदवारों की पर्सनलिटी को जज करते है। इसमें उम्मदीवारों को 60 शब्दों को एक-एक करके दिखाये जाते है और हर शब्द 15 सेकण्ड के लिए दिखाया जाता है और इसी समय के अंदर आंसर शीट पर एक मीनिंगफुल सेंटेंस लिखना होता है।
3. सिचुएशन रिएक्शन टेस्ट (एसआरटी): उम्मीदवारों को 30 मिनट में 60 कॉमन रोज़मर्रा जीवन पर आधारित सवाल करने होते है।
4. सेल्फ डिसक्रिप्शन टेस्ट (एसडी): ये आखिरी टेस्ट होता है। इस टेस्ट में उम्मीदवारों को लिखना होगा कि उनके पेरेंट्स, टीचर्स, फ्रेंड्स और वो खुद अपने बारे में क्या ओपिनियन रखते है। इसमें पॉज़िटिव और नेगेटिव पर ध्यान देना होता है। इस टेस्ट के लिए पहले से प्रिपरेशन करी जा सकती है।
ये सारे टेस्ट दूसरे दिन में कंडक्ट किये जाते है।
एसएसबी इंटरव्यू के टिप्स
- कभी भी सोच समझकर उत्तर न दें। जो आपके दिमाग में सबसे पहले आता है उस चीज़ को सुनकर सिर्फ वही बताएं। नेचुरल आन्सर जल्द से जल्द दें। सोचने की स्पीड तेज़ होनी चाहिए।
- टीएटी, डबल्यूएटी, एसआरटी के लिए पहले से प्रिपरेशन नहीं करनी। सिर्फ एसडी के लिए एडवांस में प्रिपरेशन की जा सकती है। एसडी में अपनी ऑटोबायोग्राफी न लिखें। सिर्फ महत्वपूर्ण तथ्यों पर ही लिखें।
तीसरा और चौथा दिन: ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर्स टेस्ट (जीटीओ इंटरव्यू)
इंटरव्यूवर नंबर 2:3 ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर्स (जीटीओ)
जीटीओ जिसका मतलब ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर्स पहले दिन से ही कैंडिडेट्स को ऑब्सेर्व कर रहे होते है। ये टेस्ट 2 दिन चलता है: तीसरा और चौथा दिन।
इसे ‘टेस्ट ऑफ़ यौर बॉडी एंड कोआर्डिनेशन बिटवीन यौर बॉडी एंड माइंड’ माना जाता है। मुख्य रूप से इसमें फिजिकल और मेन्टल कैपेबिलिटीज पर जज किया जाता है। जीटीओ में उप समूह बना दिये जाते है और हर ग्रुप में 8-10 उम्मीदवार होते है। ये ग्रुप वाइज टेस्ट होता है। जीटीओ टेस्ट में अलग-अलग तरह के टेस्ट होते है:
ग्रुप डिस्कसन (जीडी): ये सबसे पहला टेस्ट होता है जीटीओ में। ये एक जीडी होता है जिसमें कॉमन इंटरेस्ट के टॉपिक्स पर कैंडिडेट्स को डिस्कशन करना होता है।
ग्रुप प्लानिंग एकसरसाइज़ (जीपीई): इस टेस्ट में हर ग्रुप को कुछ सिचुएशनल प्रॉब्लम और मैप दिए जाते है और फिर हर कैंडिडेट को उनकी प्लानिंग लिखनी होती है बताई गयी प्रोब्लेम्स पर। इसके बाद ग्रुप मेंबर्स को साथ डिसकस करके एक कॉमन प्लान के साथ आना होता है जिसमें सबकी ही सहमति हो। फिर एक ग्रुप मेंबर को मैप और पॉइंटर की हेल्प से कॉमन प्लानिंग एक्सप्लेन करनी होती है।
प्रोग्रेसिव ग्रुप टास्क (पीजीटी): पीजीटी में कैंडिडेट्स को कुछ ऑब्स्टैकल्स पार (क्रॉस) करने होते है सपोर्टिंग मैटेरियल्स जैसे रोप, प्लान्क, वुड लोग इत्यादि की हेल्प से। इसमें डिफीकल्टी लेवल बढ़ता रहता है। ये ग्रुप एक्टिविटी होती है और इसे 30-40 मिनट्स के टाइम फ्रेम में पूरा करना होता है।
हाफ ग्रुप टास्क (एचजीटी): एचजीटी लगभग पीजीटी की तरह होता है बस इसमें ग्रुप मेंबर्स का नंबर हाफ हो जाता है। हर ग्रुप को दो पार्ट्स में डिवाइड कर दिया जाता है। एचजीटी में भी ऑब्स्टैकल्स क्रॉस करने होते है ग्रुप में 10-15 मिनट के टाइम फ्रेम में।
इंडिविजुअल ऑब्स्टैकल्स टास्क (आईओटी): आईओटी में कैंडिडेट को अकेले 10 ऑब्स्टैकल्स पार (क्रॉस) करने होते है 3-4 मिनट के टाइम फ्रेम में। हर ऑब्स्टेकल का पॉइंट होता है 1-10 पॉइंट्स के बीच में।
कमांड टास्क: इस टास्क में कैंडिडेट को कुछ ऑब्स्टैकल्स क्रॉस करने होते है 2-3 सबओर्डिनेट्स की हेल्प से। इसमें ग्रुप में से 2-3 कैंडिडेट्स को चयन करना होता है जो टास्क कम्पलीट करने में हेल्प कर सके।
स्नेक रेस/ग्रुप ऑब्स्टैकल रेस: हर ग्रुप मेंबर इस टेस्ट में दूसरे ग्रुप से कोंपिट करते है जिसमें मेंबर्स को स्नेक जैसे रोप को होल्ड करके कुछ ऑब्स्टैकल्स को क्रॉस करना होता है।
इंडिविजुअल लेक्चरेट: हर कैंडिडेट को एक टॉपिक सेलेक्ट करके 3-4 मिनट तक उस टॉपिक पर लेक्चर देना होता है। इसमें 4 टॉपिक्स दिए जाते है जिसमें से एक टॉपिक पर बनाना होता है।
- फ़ाइनल ग्रुप टास्क (एफ़जीटी): यह आखिरी ग्रुप एक्टिविटी होती है जिसमें ग्रुप में ऑब्स्टैकल क्रॉस करने होते है।
एसएसबी इंटरव्यू टिप्स
- फिजिकल ट्रेनिंग करते रहे।
- करंट अफेयर्स प्रीपेयर करें अच्छे से इंडिविजुअल लेक्चरेट के लिए।
- ऑब्स्टैकल टास्क में कभी भी रुके न। अगर ऑब्स्टैकल नहीं पूरा हो रहा है तो दूसरे ऑब्स्टैकल करना ज्यादा अच्छा रहेगा।
- जीटीओ में सिर्फ खुद के बारे में नहीं सोचना चाहिए क्योंकि इसमें टीमवर्क और लीडरशिप पर टेस्ट किया जाता है।
दूसरा और चौथा दिन: पर्सनल इंटरव्यू
इंटरव्यूवर नंबर 3: इंटरव्यूईंग ऑफिसर
पर्सनल इंटरव्यू दूसरे दिन से चौथे दिन के बिच में कभी भी हो सकता है। उम्मीदवारों को एक दिन पहले ही इसके लिए समय बता दिया है।
एसएसबी साक्षात्कार क्लियर करना पर्सनल इंटरव्यू की परफॉरमेंस पर बहुत मैटर करता है। पर्सनल इंटरव्यू में हर उम्मीदवार का वन-ऑन-वन इंटरव्यू कंडक्ट किया जाता है। इसके लिए हर कैंडिडेट को पर्सनल इनफार्मेशन क्वेशनरी दिया जाता है जिसमें कुछ प्रश्न और उत्तर होते है। ये सवाल उम्मीदवारों की प्रोफाइल की अच्छी अंडरस्टैंडिंग और पर्सनल इंटरव्यू के सवालों का स्ट्रक्चर करने में हेल्प करता है। ये फॉर्म 3 बार भरना होता है।:
इंटरव्यूईंग ऑफिसर्स के पास पीआईक्यू होता है और उसी के आधार पर पर्सनल इंटरव्यू लिया जाता है। इसमें इंटरव्यूईंग अफसर उम्मीदवारों से उनके बारे में कुछ भी पूछ सकते है जैसे: एकेडेमिक्स, कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स, करीकुलर एक्टिविटीज में अचीवमेंट्स, लाइफ इंटरेस्ट, स्पोर्ट्स, पेरेंट्स, फ्रेंड्स, टीचर्स और सोसाइटी के बारे में फीलिंग्स/ओपिनियन, जनरल नॉलेज और जागरूकता और फिजिकल एंड मेन्टल एबिलिटी के बारे में।
नियम
- फॉर्मल ड्रेसिंग करके जाना होता है। ड्रेस प्रोफेशनली।
- पीआईक्यू के फॉर्म में सही जानकारी भरें।
कॉमन सवाल जो अक्सर पर्सनल इंटरव्यू में पूछे जाते है
- आपका पसंदीदा विषय कौन सा है और क्यों?
- आपका पसंदीदा खेल कौन सा है और क्यों?
- आपके माता – पिता क्या करते हैं?
- आपकी सबसे बड़ी ताकत और कमजोरी क्या है?
- आप सेना / नौसेना / वायु सेना में क्यों शामिल होना चाहते हैं?
- क्या आपने एसएसबी के लिए कोचिंग ली है?
- अपनी यात्रा के बारे में कुछ बताइए?
एसएसबी इंटरव्यू के लिए कुछ टिप्स
- पर्सनल इंटरव्यू में कोई सही जवाब पता नहीं है तो जो मन में है वही बोलें।
- उस चीज के बारे में लिखें जिनके बारे में उन्हें पूरा ज्ञान हो।
- अगर कोई उत्तर नहीं आता तो सच बोलें कि मुझे पता नहीं।
- इंटरव्यूवर को आउट स्मार्ट करने की कोशिश न करें।
- प्रेशर में न रहें, आत्मविश्वास के साथ ही उत्तर देने का प्रयास करें।
पाँचवाँ दिन: कॉन्फ्रेंस
कॉन्फ्रेंस में राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस होती है जिसमें एसएसबी बोर्ड मेंबर्स: एसएसबी प्रेजिडेंट, एसएसबी वाईस-प्रेजिडेंट, साइकोलोजिस्ट्स जीटीओ, आईओ (तीनों इंटरव्यूवर) और उम्मीदवार प्रेजेंट होते है। इसमें उम्मीदवारों का फाइनल असेसमेंट होता है।
सारे इंटरव्यूवर उम्मीदवारों को अलग-अलग पैरामीटर्स पर टेस्ट किया होता है और उनका अपना अपना असेसमेंट होता है। इंटरव्यूवर को दूसरे इंटरव्यूवर का असेसमेंट नहीं पता होता है। कॉन्फ्रेंस में 3-4 सवाल पूछते है। ये एसएसबी साक्षात्कार प्रक्रिया का 5 से 10 मिनट का होता है।
कॉमन सवाल जो अक्सर कॉन्फ्रेंस में पूछे जाते है
- आप सेना / नौसेना / वायु सेना में क्यों शामिल होना चाहते हैं?
- आपके लिए सेना / नौसेना / वायु सेना क्या रखती है?
- अब से आपकी पांच साल की योजना क्या है?
- एसएसबी साक्षात्कार के दौरान आपका समग्र अनुभव कैसा रहा?
कॉन्फ्रेंस समाप्त होने के बाद चयनित उम्मीदवारों का चेस्ट नंबर कॉल किया जाता है और उनको फिर अगले राउंड – मेडिकल टेस्ट के लिए भेजा जाता है।
हम आशा करते है कि आपको इस आर्टिकल को पढ़कर एसएसबी इंटरव्यू की प्रक्रिया की पूरी जानकारी मिल गयी होगी। अगर आपको कोई भी सवाल है तो नीचे कमेंट करें, हम आपको जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।
जय हिन्द! जय भारत!
Kya ssb interview hindi me hota hai
Yeh english mein hi hota hai.