मोबाइल और स्मार्टफोन की संख्या प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है और भारत जैसे बड़ी जनसँख्या वाले देश में मोबाइल फ़ोन की मांग कभी कम नहीं हो सकती। हम आपको इस आर्टिकल में मोबाइल रिपेयरिंग बिज़नेस कैसे शुरू करें और उसमें क्या-क्या चीज़ों की जरुरत होगी सब बताएंगे और वो भी अच्छे विस्तार से।
इस आर्टिकल में इन टॉपिक पर बात करेंगे
मोबाइल रिपेयरिंग बिजनेस के अवसर
मोबाइल रिपेयरिंग बिजनेस में लाभ
बिजनेस की मार्केटिंग कैसे करें
रिपेयरिंग बिजनेस में अन्य सर्विस
मोबाइल रिपेयरिंग बिजनेस से जुड़े सवाल
मोबाइल रिपेयरिंग बिजनेस के अवसर
- स्मार्टफोन आज के समय में सबसे बड़ी जरूरत हैं चाहे वो अमीर हो या गरीब, यह सबकी जरुरत हैं। फर्क सिर्फ इतना हैं कि कुछ लोग काफी महंगे स्मार्टफोन लेते हैं और कुछ लोग कम दाम के फोन लेते है।
- एक कंपनी है सिस्को जिसने भारत में कितने स्मार्टफोन यूजर है उसपे सर्वे किया था जिसके अनुसार हमें ये पता चला की 2019 में 35 करोड़ स्मार्टफोन हैं और 2022 तक यह नंबर 80 करोड़ पहुंच सकता हैं।
- सारे फीचर्स को अच्छे से समझने के बाद ही हम कोई स्मार्टफोन खरीदते है। आज कल सभी लोग घंटों फ़ोन का उपयोग करते है और ये एक मशीन ही है इस कारण यह आसानी से ख़राब भी हो सकती है जिसकी वजह से लोग इसे रिपेयर करना ज्यादा सही समझते हैं बजाय नई स्मार्टफोन लेने के। मोबाइल रिपेयरिंग बिज़नेस आज की डेट में काफी सही बिज़नेस माना जाता हैं एक तो इसकी डिमांड काफी ज्यादा हैं और दूसरी बात इसके लिए हमें कोई डिग्री की जरुरत नहीं है।
योग्यता क्या होनी चाहिए
मोबाइल रिपेयरिंग बिज़नेस में ऐसे कोई कोर्स की जरुरत नहीं हैं लेकिन आप कोई छोटा-मोटा कोर्स होते हैं जिससे सीखकर आप इस फील्ड में आ सकते है। सबसे पहले तो आपको स्मार्टफोन और उसके पार्ट्स में इंटरेस्ट होना चाहिए। रिपेयरिंग से रिलेटेड सारी चीज़ें इजी होती है और आप ये काफी जल्दी से सीख सकते है. सारे पार्ट्स के बारे में जानकारी होना और इसके सॉफ्टवर्स को भी जानना काफी जरुरी हैं।
मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स
आप किस लेवल का और कितने समय का कोर्स करना चाहते हैं, ये आप पर निर्भर करता है। इस बिज़नेस की बढ़ती डिमांड की वजह से ऑनलाइन बहुत सारे कोर्स की इनफार्मेशन मिल जाएगी। कुछ बेसिक नॉलेज जो आप प्राप्त करेंगे इन कोर्स के जरिये वो ये सब है:-
- पावर ऑफ फ़ौल्ट्स
- लिक्विड डैमेज ट्रीटमेंट
- नेटवर्क प्रॉबलम
- सॉफ्टवेयर फ़ौल्ट्स
- स्पीकर / माइक्रोफोन फ़ौल्ट्स
- चारजिंग प्रॉबलम
- एलसीडी रिपलेसमेंट / एडजस्टमेंट
- ड्रोप्ड / फिजिकली डैमेज फोन
- हाउसिंग / चासीस रिपलेसमेंट
- एसपी अन्लोकिंग / सिम रिस्ट्रीक्सन रमूवल
- फ्लिप और स्लाइड प्रॉबलम
- सॉफ्टवेयर अप ग्रेडेशन
- अन्य और समस्याएँ
अनुभव बढ़ाएँ
- अनुभव बढ़ाने के लिए आप कोई भी अच्छे से रिपेयरिंग शॉप या सर्विस सेंटर जॉइन कर सकते हैं और प्रैक्टिकल नॉलेज, टिप्स और ट्रिक्स भी सीख सकते है।
- इससे आपको बिज़नेस के अप्स और डाउन्स का पता चलेगा। वर्क एक्सपीरियंस से आपका कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा।
- आप कांट्रैक्ट बना सकते हो और सारे पार्ट्स के मार्केट के बारे में भी जान सकते हो।
मार्केट की जानकारी
मोबाइल रिपेयरिंग बिज़नेस खोलने से पहले मार्केट एरिया को लेकर कई सारे फैक्टर्स हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना होगा। इन फैक्टर्स पर ही यह तय होगा कि आपकी शॉप कैसी होनी चाहिए और कौनसे एरिया में अच्छी चलेगी।
एरिया को अच्छ से एनालाइज करने के बाद आपको पता चलेगा कि ऐसी कौन-कौनसी सर्विसेज हैं जो उस एरिया के शॉप वाले नहीं दे पा रहे और आप प्रोवाइड कर सकते है। वहाँ कि प्राइस रेंज क्या है क्या ऑफर्स और डिस्काउंट आप दे सकते हो कस्टमर्स को आकृषित करने के लिए।
- आपके एरिया में कितने लोग हैं, यानी एरिया बड़ी जनसंख्या वाला है या नहीं क्योंकि बिजी मार्केट में हमेशा डिमांड ज्यादा रहती हैं।
- एरिया में पहले से और कितने रिपेयरिंग के शॉप्स हैं उस पर भी ध्यान दें क्योंकि जितने ज्यादा कॉम्पिटिटर्स होंगे उतना ही मुश्किल होगा बिज़नेस को बढ़ाना।
- जिस एरिया में पहले से स्मार्टफोन्स के शॉप्स हैं उस एरिया में रिपेयरिंग शॉप खोलना फायदेमंद साबित हो सकता है इस कारण इस पर ध्यान देना जरूरी है।
- आस पास के बिज़नेस आपको ये अंदाज़ा दे सकते हैं कि वो एरिया बिज़नेस शुरू करने के लिए फायदेमंद होगा या नहीं। जैसे कि अगर कोई बड़ा ब्रांड आपके चुने हुए एरिया में अपना बिज़नेस चला रहा है इसका मतलब उस ब्रांड ने भी काफी रिसर्च किया होगा और उसके बाद ही अपना बिज़नेस शुरू किया, मतलब फायदेमंद होगा।
- अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए आप अपने अगल बगल के मोबाइल शॉप्स से कॉन्ट्रैक्ट कर सकते हैं जिससे उधर से भी आपको पब्लिसिटी मिल जाएगी।
पूंजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर
पूंजी (Investment)
मोबाइल रिपेयरिंग बिज़नेस शुरू करने से पहले आपको तय करना होगा कि आप किस लेवल पर बिज़नेस खोलना चाह रहे है, कितने हेल्पर्स और टेक्निशंस हायर कर रहे हैं, कौन-कौनसी सर्विस दे रहे हैं, कितना इक्विपमेंट लगा रहे हैं और कितना स्टॉक पहले से रख रहे है। ये सारी चीज़ें आपके बजट को तय करेगी कि कितना इन्वेस्टमेंट आपको बिज़नेस के लिए चाहिए होगा।
लिमिटेड बेसिक इक्विपमेंट टूल्स के साथ भी आप शुरुआत कर सकते हैं और उसके बाद जैसे-जैसे डिमांड बढ़ेगी वैसे-वैसे आप स्टॉक बढ़ा सकते है। मोबाइल रिपेयरिंग बिज़नेस के लिए आपको बहुत बड़ी जगह की जरुरत नहीं पड़ेगी आप ये काम छोटी जगह से भी स्टार्ट कर सकते हैं और आपको जगह चुनने के समय ये जरूर ध्यान देना होगा की वो जगह प्रॉपर वेन्टीलेटेड हो क्योंकि रिपेयरिंग के काम में बहुत स्मोक निकलते हैं जो कि शरीर के लिए हानिकारक हो सकते है।
मोबाइल रिपेयरिंग एन जरूरत की चीजें
मोबाइल रिपेयरिंग टूल
आइटम | प्राइस (रुपए में) |
एसएमडी (सेमी या मैन्युअल) | 1,500-2,500 |
एसएमडी के लिए वायर हैंडल | 200-300 |
25 वाट सोल्डरिंग आयरन | 100-200 |
सोल्डरिंग स्टेशन | 300-500 |
डिजिटल मल्टीमीटर | 200-300 |
पीबीसी क्लीनर और होल्डर | 200-300 |
जम्पर वायर सेट | 50-100 |
ब्लेड कट्टर सेट | 50-100 |
स्क्रू ड्राइवर सेट | 600-800 |
ट्वीजर और ब्रश | 200-300 |
मल्टीमीटर | 100-200 |
डीसी पावर सप्लाई | 1,000-3,000 |
बैटरी बूस्टर | 500-1,000 |
अल्ट्रासोनिक क्लीनर | 2,000-2,500 |
बीजीए रेबालिंग टूल | 1,000-1,500 |
मेग्नीफ़ाइंग लैंप | 1,000-1,500 |
टेप्स | 300-500 |
एसएमडी मल्टीमीटर टेस्ट ट्वीजर | 1,500-2,000 |
स्क्रीन सेपार्टिंग मशीन | 2,000-3,000 |
कुल | 12,800-20,600 |
बाकी खर्चा
आइटम | प्राइस (रुपए में) |
बिजली बिल | 1,000-2,000 |
रेंट | 3,000-6,000 |
टेकनीशियन | 8,000-12,000 |
टूल्स और इक्विपमेंट रिपेयरिंग चार्ज | 1,000-2,000 |
फर्नीचर | 6,000-8,000 |
कुल | 19,000-30,000 |
पूरे बिजनेस में कम से कम आपको Rs 30,000-50,000 तक का खर्चा आएगा।.
अगर आप एक टेकनीशियन बिज़नेस को शुरू से ही रखना चाहते हो तो आपको 8 हजार से 12 हजार तक सैलरी देनी पड़ सकती है तो अंदाज़न 30 से 50 हजार में आप ये बिज़नेस शुरू कर सकते हैं फिर जैसे-जैसे आपका बिज़नेस बढ़ते जाएँ आप इक्विपमेंट्स और स्टॉक बढ़ा सकते है। यहाँ पर स्टार्ट में आप जरुरत के अनुसार ही स्टॉक रखेंगे जैसे बिज़नेस बढ़ते जाएं वैसे आप स्टॉक बढ़ा सकते हैं और टेकनीशियन और हेल्पर्स भी।
लोन की जानकारी
अगर आपके पास इन्वेस्टमेंट के लिए पुरे पैसे नहीं हैं लेकिन आप ये जानते हैं कि आप इस बिज़नेस को अच्छे से चला सकते हैं तो आप बैंक से भी लोन ले सकते है। बैंक से लोन सैंक्शन करवाने के लिए आपको कुछ चीज़ों की जरूरत होगी जैसे –
- आपकी आयु सीमा 21 से 65 साल होनी चाहिए।
- आपको एक प्रॉफ़िट मार्जिन दिखाना होगा बैंक को विश्वास के लिए। प्रॉफ़िट कम से कम डेढ़ लाख होना चाहिए।
- एक प्रोपर बिजनेस प्लान दिखाना होगा जिससे लोन देने वाले को पूरा आइडिया हो जाए कि आपका बिजनेस क्या है और आप उससे कैसे चलाएँगे।
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मोबाइल रिपेयरिंग बिजनेस में लाभ
यह एक ऐसा बिज़नेस है जिसमें रिपेयरिंग पार्ट्स की कॉस्टिंग और जो कस्टमर्स को चार्ज किया जाता है उसमें काफी अंतर होता हैं जिस वजह से इस बिज़नेस में मार्जिन काफी होता है। फिर भी, अगर सारे फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए मान लीजिये आप महीने में 2 लाख का बिज़नेस करते हैं तो आपको 50%-60% का प्रॉफिट मिल सकता है। यानि अगर एक महीने में आप 1 लाख का बिज़नेस करते हैं तो 45 हजार से 60 हजार का मुनाफा कमा सकते हैं।
मोबाइल रिपेयरिंग बिज़नेस में मोबाइल की बढ़ती डिमांड के हिसाब से देखा जाये तो कभी कमी नहीं आने वाली बल्कि ये बढ़ने ही वाला है। इसलिए इस बिज़नेस में प्रॉफिट कमाना और बिज़नेस को अच्छे से ग्रो करना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है। इस बिज़नेस में प्रॉफिट के लिए हमें बहुत सारे अलग-अलग फैक्टर्स पर ध्यान देना होगा जैसे कि:
- दुकान का नाम इंट्रेस्टिंग होना चाहिए।
- आपकी दुकान की लोकेशन सही जगह होनी चाहिए।
- आपको क्वालिटी सर्विस देनी है ताकि आप कस्टमर बेस बना सके।
- मल्टीपल सर्विस दें जिससे ज्यादा कस्टमर आएंगे।
- मार्केट के रेट से अपेक्षाकृत आपका रेट कम होना चाहिए।
शुरुआत में बिज़नेस बढ़ाने और प्रॉफिटेबल बनाने में समय लगेगा पर अगर हर एक कस्टमर को आप क्वालिटी सर्विस दें और जल्दी सर्विस प्रोवाइड करें तो आप अपना मार्केट में नाम बना सकते है। नए बिज़नेस में आपको सारे सर्विस के लिए मार्केट की तुलना में कम चार्ज करना होगा फिर धीरे-धीरे जैसे आप अपना कस्टमर बेस और नाम बना लेंगे तब आप चार्ज बढ़ा भी सकते हैं।
जब आपका बिज़नेस अच्छा हो जाए और उसकी डिमांड बढ़ जाएं तो आप एक एक्सपर्ट टेकनीशियन भी रख सकते है अपने बढ़ते डिमांड्स को पुरा करने के लिए।
कानूनी प्रक्रियाएं
भारत में किसी भी बिज़नेस यानि कोई शॉप खोलने के लिए आपको कई सारे रजिस्ट्रेशन प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। अगर मोबाइल रिपेयरिंग बिज़नेस की बात करें तो आपको पहले अपने बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और एक टैक्स रजिस्ट्रेशन भी करवाना होगा।
1. दुकान का पंजीकरण
अगर आप अपने राज्य में कोई दुकान या बिज़नेस शुरू करते हैं तो आपको स्टेट गवर्नमेंट के लेबर डिपार्टमेंट में शॉप & इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के अंडर शॉप का रजिस्ट्रेशन करना होगा। ये रेजिस्ट्रेशन ऑनलाइन भी किया जा सकता हैं और रजिस्ट्रेशन के लिए आपको उस राज्य के रेस्पेक्टिव लेबर डिपार्टमेंट की वेबसाइट पे जाकर शॉप रजिस्ट्रेशन करना होगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ जानकारी की जरूरत होगी जैसे –
- दुकान का नाम
- दुकान का पता
- मैनेजर का नाम
- किस तरह की दुकान है
- कितने लोग काम करेंगे
रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेज़
- पैन कार्ड/ आधार कार्ड / ड्राइविंग लाइसेन्स / वोटर आईडी
- मालिक का फोटो
- रेंट एग्रीमेंट, यदि रेंट लिया है तो
- बिजली बिल
2. टैक्स रजिस्ट्रेशन
मोबाइल रिपेयरिंग बिज़नेस में टैक्स रजिस्ट्रेशन का मतलब हैं GST रजिस्ट्रेशन। तो जीएसटी रेजिस्ट्रेशन करना होगा।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन आप सरकार द्वारा प्रोवाइडेड ऑफिसियल वेबसाइट से भी कर सकते हैं या फिर किसी प्राइवेट आर्गेनाइजेशन से भी हेल्प ले सकते हैं। सरकार द्वारा प्रोवाइडेड वेबसाइट हैं https://www.gst.gov.in/ । इसके अलावा प्राइवेट आर्गेनाइजेशन जैसे इंडिया फाइलिंग पर जाकर भी आप जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। नीचे दिए गए फोटो में आप देख सकते हैं कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए क्या जरूरी डाक्यूमेंट्स लगते है।
- पैन कार्ड
- बिजनेस रजिस्ट्रेशन का प्रूफ
- आईडी और पता
- आपके बिजनेस का एड्रेस प्रूफ
- बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
- डिजिटल सिग्नेचर
जीएसटी से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारे जीएसटी के ब्लॉग को पढ़ सकते है।
बिजनेस की मार्केटिंग कैसे करें
किसी भी बिज़नेस चाहे वो छोटा हो या बड़ा उसे आगे बढ़ने के लिए अच्छी मार्केटिंग करना बहुत ज्यादा जरुरी है। इसके लिए ध्यान रखें कि आपके बिज़नेस के अनुसार ऐसा कौनसा मार्केटिंग का तरीके हैं जिससे आप ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपने बिज़नेस को पहुंचा सकते हैं।
अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए आपको इन 2 बातों का ध्यान रखना होगा – शॉप की एडवरटाइज़मेंट और आपका अपने कस्टमर्स से बर्ताव। तो आईये बात करते हैं इन दो तरीकों के बारे में।
प्रचार कैसे करें
आप अपने दूकान का प्रचार कई माध्यम से कर सकते हैं। कुछ तरीके ऑनलाइन किये जायेंगे और कुछ ऑफलाइन। बात करते हैं इन सारे तरीकों के बारे में।
1. ऑनलाइन
गूगल माय बिज़नेस आपके शॉप का नाम, शॉप तक पहुँचने का डायरेक्शन, फ़ोन नंबर, रिव्यू, रेटिंग्स, फोटो और डिटेल्स सब कुछ एक ही जगह पर आपके कस्टमर तक पहुंचा देगा। इसके अलावा अगर कोई किसी एरिया में अपने आस-पास मेडिकल स्टोर की शॉप ढूंढ रहा है और आपका पार्लर उस क्षेत्र के रेंज में आ रहा है तो आपके शॉप का नाम और डिटेल भी गूगल की लिस्ट में आ जायेगा। इससे आसानी से आपकी फार्मेसी को कोई भी ऑनलाइन ढूंढ सकता है।
गूगल माय बिज़नेस में अकाउंट बनाना काफी आसान है। नीचे दिए गए फोटो के स्टेप्स को फॉलो करके आप आसानी से अपना अकाउंट बना सकते हैं –
- जस्ट डायल – जस्ट डायल एक ऐसा प्लेटफार्म है जो कि किसी भी क्षेत्र के लोकल बिजनेस की इनफार्मेशन प्रोवाइड कराता है जो कि आपको या तो इंटरनेट के माध्यम से आसानी से पता चल जाता है।
- रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस काफी सिंपल होता है और ये आप ऑनलाइन उनकी वेबसाइट से करा सकते हैं या फिर आप 8888888888 पर कॉल करके भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जस्ट डायल में फ्री लिस्टिंग करने के लिए यहाँ क्लिक करें – जस्ट डायल फ्री लिस्टिंग और पेड लिस्टिंग कराने के लिए यहाँ क्लिक करें – जस्ट डायल पेड लिस्टिंग।
2. ऑफलाइन
- पैम्फलेट – अपने शॉप का प्रचार आप पैम्फलेट के माध्यम से भी कर सकते हैं। इसे या तो आप खुद आने-जाने वाले लोगों को दें या फिर अपने एरिया के लोकल समाचार पत्र देने वाले को कुछ पैसे देकर भी घर घर तक पहुंचा सकते हैं।
- बर्ताव – एक काफी जाना माना कहावत है –
ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोय |
औरन को शीतल करै, आपहु शीतल होय ||
कहने का मतलब है यह है कि लोगों से इस तरह से बात करें कि औरों के साथ-साथ आपको भी ख़ुशी मिले। आपके बर्ताव का लोगों के मन पर काफी असर पड़ता है। अगर एक कोई आपसे बुरी तरह से बात करे और एक कोई आप से प्रेम से बात करे तो ये पक्का है कि आपको अच्छे से बात करने वाले ही लोग काम आएंगे।
उसी तरह अगर आप अपने कस्टमर से प्रेम से बात करेंगे और उन्हें बेहतरीन सर्विस प्रोवाइड करेंगे तो लोग आपके शॉप में बार-बार आएंगे।
- ऑफर दें – अगर आप उन्हें कुछ भी डिसकाउंट या ऑफर दे सकते है तो जरूर दे क्योंकि इससे कोई भी कस्टमर काफी खुश होता है।
रिपेयरिंग बिजनेस में अन्य सुविधाएं
अगर आप अपने बिज़नेस में और भी चीज़ें जोड़ना चाहते है तो वो भी एक बहुत सही ऑप्शन है क्योंकि उसके जरिये भी आप अपने बिज़नेस को आगे बढ़ा सकते है और कमाई भी काफी बढ़ सकती है।
1. मोबाइल एक्सेसरिज रख सकते है
लोगों को एक्सेसरीज की जरुरत पड़ती हैं क्योंकि इनसे लुक्स और फंक्शनलिटी बेहतर हो जाती हैं मोबाइल्स की। अपने शॉप में आप डिफरेंट ब्रांड के एक्सेसरीज बेच सकते हैं, जैसे कि बैटरी, एयरफोन, कवर्स, पावर बैंक्स, यूएसबी केबल इत्यादि।
2. मोबाइल रिचार्ज और सिम कार्ड
साथ ही आप अपनी दुकान पर रिचार्ज और सिम कार्ड भी रख सकते है।
3. मोबाइल फोन बेच सकते है
इसके अलावा आप अपनी दुकान पर मोबाइल भी बेच सकते है जिससे कस्टमर बढ्ने लगेंगे।
4. सेकंड हैंड/खराब फोन भी बेच सकते है
बहुत लोग ऐसे होते है जिन्हें कम पैसों में स्मार्टफोन चाहिए होता है तो आप पुराना मोबाइल बेच सकते है।
5. Downloading की सुविधा दे सकते है
बहुत लोग ऐसे भी है जिन्हें नई टेक्नोलॉजी के बारे में पता नहीं है। अगर आप अपने शॉप में डाउनलोडिंग एप्प, गेम, मूवीज, म्यूजिक की सुविधा प्रोवाइड करते हैं तो बहुत अच्छा रहेगा।
मोबाइल रिपेयरिंग बिजनेस से जुड़े कुछ जरूरी सवाल और जवाब
उत्तर – हाँ, आप घर से भी यह बिजनेस कर सकते है लेकिन फिर इसमें आपको प्रॉफ़िट कम होगा।
उत्तर – यह इस बात पर निर्भर करता है कि बिजनेस कितना बड़ा है। अगर बड़े लेवल पर कर रहे है तो रखना चाहिए और छोटे स्तर के बिजनेस में कोई जरूरी नहीं है।
उत्तर – खोल तो सकते है लेकिन चलाना थोड़ा कठिन होगा। साथ ही दोनों के लिए अलग-अलग जरूरी सामान भी रखना पड़ेगा।
उत्तर – वेबसाइट से हमारी बिज़नेस बूस्ट जरूर हो जाती हैं पर वेबसाइट बनाना ज्यादा फायदेमंद तब होता हैं जब आप एक बार थोड़े अनुभवी हो जाए और आपका कस्टमर बेस बन जाए।
उत्तर – नहीं, ऐसा नहीं है। जैसे-जैसे आपको जरूरत पड़े वैसे-वैसे मँगवाते रहे।
उत्तर – एक्सपीरियंस होना बहुत ही जरुरी हैं कोर्स करने के बाद तो अगर 6 महीने से 1 साल तक आप अनुभव बढ़ा लें टो बहुत अच्छा साबित होगा।
आशा करते है कि आपको मोबाइल रिपेयरिंग बिजनेस के बारे में अच्छे से जानकारी मिल गयी है, लेकिन अगर फिर भी आप कुछ पूछना चाहते है तो हमें कमेंट में पूछ सकते हैं जिसका जवाब हम जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे।